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किसान भाइयों के लिए बड़ी खुशखबरी! ताइवानी पिंक अमरूद की खेती से हो जाएंगे मालामाल, जानिए कैसे शुरू करें?

Taiwanese Pink Guava Cultivation: ताइवानी पिंक अमरूद की मार्किट में अधिक डिमांड है और यह सिर्फ प्रदेश में ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी बढ़ रही है। इसकी खेती से किसान भाई मालामाल हो जाएंगे, जानिए खेती करने का आसान तरीका...
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किसान भाइयों के लिए बड़ी खुशखबरी! ताइवानी पिंक अमरूद की खेती से हो जाएंगे मालामाल, जानिए कैसे शुरू करें?

Jhalko Media New Delhi, Taiwanese Pink Guava Cultivation: जब भी लोग राजस्थान का नाम सुनते हैं, तो उनके दिमाग में सबसे पहले रेगिस्तान की तस्वीर आती है। लेकिन यह सच नहीं है कि राजस्थान में केवल बालू ही है और वहां के किसान बागवानी नहीं करते हैं। आजकल राजस्थान के किसान भी आधुनिक विधियों से केला, सेब, संतरा, आंवला और खजूर की खेती कर रहे हैं। इससे उनकी इनकम में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। जानिए कैसे शुरू करें खेती....

आपको बता दे की खास बात यह है कि अब राजस्थान के किसान ताइवानी पिंक अमरूद की खेती भी कर रहे हैं। यह अमरूद की किस्म, जिसकी डिमांड सिर्फ प्रदेश में ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी बढ़ रही है। ऐसे में, राजस्थान के उन किसानों की कहानी जोने ने रेगिस्तान में ताइवानी पिंक अमरूद की खेती की है, बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने न सिर्फ अपनी आय को बढ़ाया है, बल्कि वे अपने क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

बता दे की वास्तव में, हम बात कर रहे हैं किसान लिखमाराम मेघवाल के बारे में, जो अपनी मेहनत से बंजर जमीन पर ताइवानी पिंक अमरूद का सुंदर बाग उगा दिया है। उन्हें इससे साल में मोटी कमाई हो रही है। लिखमाराम मेघवाल नागौर जिले के खींवसर के निवासी हैं और उनके गांव में रेतीली मिट्टी है, साथ ही पानी का भी अभाव है। लेकिन इसके बावजूद, उन्होंने रेतीली मिट्टी पर अमरूद की बागवानी शुरू की।

किसान लिखमाराम की मेहनत और उनके प्रयासों का परिणाम यह है कि उन्होंने साल 2020 में ताइवानी पिंक अमरूद की खेती शुरू की। शुरुआत में, उन्होंने ताइवानी अमरूद के पौधे लखनऊ से खरीद कर लाए थे, जिनकी कीमत प्रति पौधा 140 रुपये थी।

150 पौधों से अमरूद का उत्पादन हो रहा है

किसान लिखमाराम ने बताया कि वे खेत में केवल जैविक खाद का ही उपयोग करते हैं और समय-समय पर बाग में वर्मी कंपोस्ट डालते रहते हैं। इससे पौधों का ग्रोथ तेजी से साथ होता है। उन्होंने बताया कि बाग में पौधों के बीच की दूरी को 5 फुट से 6 फुट के हिसाब से रखी गई है, ताकि पौधों को प्रयाप्त मात्रा में धूप, हवा और पानी मिलता रहे।

खास बात यह है कि लिखमाराम ने साल 2020 में बाग में 200 ताइवानी अमरूद के पौधे लगाए थे, लेकिन करीब 50 पौधे सूख गए। हालांकि, 150 पौधों से अमरूद का उत्पादन हो रहा है।

ताइवानी पिंक अमरूद का उत्पादन और बढ़ेगा

बता दे की पिछले साल किसान लिखमाराम ने प्रति पौधा 3 किलो अमरूद तोड़ था. लेकिन इस साल इसका उत्पादन बढ़कर 10 किलो ताइवानी पिंक अमरूद प्रति पौधा हो गया है. इस तरह उन्होंने इस साल करीब 1500 किलो अमरूद बेचा, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हुई.

किसान लिखमाराम मेघवाल की माने तो जब कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगा था, तब वे बचे हुए समय में यूट्यूब देखा करते थे. यहीं पर उन्हें ताइवानी अमरूद की खेती करने के बारे में जानकारी हुई. उसके बाद उन्होंने खेती शुरू कर दी. उनकी माने तो आने वाले वर्षो में ताइवानी पिंक अमरूद का उत्पादन और बढ़ेगा, जिससे अच्छी इनकम होगी.