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गर्मियों में किसान भाई बैंगन की खेती से हो जाएंगे मालमाल! जानिए बुआई करने का सही तरीका

इसकी खेती खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में की जाती है। ऐसे में दोनों सीजन में सिंचाई का तरीका अलग होता है। गर्मियों में जहां 7 से 8 दिन के अंतर में सिचांई करनी चाहिए, वहीं सर्दियों में 10 से 12 दिन के अंतर से सिंचाई करने की आवश्यकता होती है।
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गर्मियों में किसान भाई बैंगन की खेती से हो जाएंगे मालमाल! जानिए बुआई करने का सही तरीका

Jhalko Media, New Delhi: बैंगन की खेती से किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं। बैंगन की खेती खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में की जाती है। यह एक समृद्धि भरी फसल है, जिसे बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जा सकता है। बैंगन की खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं जो किसानों को अधिक पैदावार की दिशा में मदद कर सकते हैं।

बीज का चयन: सही प्रकार का बीज चुनना बहुत महत्वपूर्ण है। उच्च उत्पादकता और बीमारियों से सुरक्षा के लिए हाइब्रिड बीजों का चयन करें।

मिट्टी की तैयारी: अच्छी और उर्वर मिट्टी की तैयारी करें। मिट्टी में काम करने से पहले उर्वर मिट्टी को अच्छे से गोड़ लें।

समय पर बुआई: समय पर बैंगन के बीज बोएं, ताकि पौधों को सही मौसम में प्राप्त हो।

पानी और उर्वर प्रदान करना: बैंगन के पौधों को नियमित रूप से पानी और उर्वर प्रदान करें।

रोगों और कीटों का नियंत्रण: बैंगन के पौधों को बीमारियों और कीटों से बचाने के लिए नियमित रूप से पेस्टिसाइड और उर्वर दें।

प्राकृतिक उर्वर का उपयोग: प्राकृतिक उर्वर का उपयोग करें ताकि पौधों को सही पोषण मिले और मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बनी रहे।

सही समय पर कटाई: बैंगन को सही समय पर कटाई करें, ताकि यह अधिक उत्पादकता दे सके।

इन तरीकों का पालन करके, किसान बैंगन की खेती में अधिक पैदावार और लाभ कमा सकते हैं।

बैंगन की बेस्ट किस्म

बता दे की बैंगन में कई तरह की किस्में पाई जाती है. इनमें कुछ उन्नत किस्म पूसा हाइब्रिड-5, पूसा हाइब्रिड-9, विजय हाइब्रिड, पूसा पर्पिल लौंग, पूसा क्लस्टर, पूसा क्रांति, पंजाब जामुनी गोला, नरेंद्र बागन-1, आजाद क्रांति, पंत ऋतुराज, पंत सम्राट, टी-3 हैं.

रोपाई से पहले मिट्टी में ये मिलाएं

बैंगन के लिए उपयुक्त मिट्टी में अच्छा ड्रेनेज की उपलब्धता होनी चाहिए. गोबर की खाद खेत को तैयार करते समय और पोषक तत्वों के रूप में रोपाई से पहले फॉस्फोरस, पोटाश और नाइट्रोजन को मिट्टी में मिला दें. उपयुक्त पोषक तत्व मिलते रहते हैं.

बीज का चयन

अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें. बीज को उचित तापमान और ऊर्जा स्तर पर संचित करें. पौधे की कितनी अच्छी ग्रोथ होगी ये उच्च गुणवत्ता वाले बीजों पर भी निर्भर करता है.

बैंगन रोपण का सही तरीका

आपको बता दे की बैंगन के लिए उचित दूरी का चयन करें. अच्छे ढंग से रोपण करें. बैंगन दो प्रकार के पाए जाते हैं. लंबे वाली प्रजातियों के लिए 70-75 सेमी और गोल फल वाली प्रजातियों के लिए 90 सेमी की दूरी पर पौध रोपण करें. वहीं, एक हेक्टेयर में फसल रोपण के लिए 250-300 ग्राम बीज की जरूरत होती है.

उर्वरक और जल संसाधन

उर्वरकों का उचित उपयोग करें और नियमित जल संप्रेषण का ध्यान रखें। इसकी खेती खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में की जाती है। ऐसे में दोनों सीजन में सिंचाई का तरीका अलग होता है। गर्मियों में जहां 7 से 8 दिन के अंतर में सिचांई करनी चाहिए, वहीं सर्दियों में 10 से 12 दिन के अंतर से सिंचाई करने की आवश्यकता होती है।

रोग और कीट प्रबंधन

बैंगन के पेड़ों को स्वस्थ रखने के लिए रोग और कीट प्रबंधन का ध्यान रखें. नहीं तो पौधे खराब हो जाएंगे. बैंगन को सबसे ज्यादा मक्खियों से बचाने की जरूरत पड़ती है. यह छोटे-छोटे सफेद रंग के होते हैं. जो पत्तियां से रस चूसते हैं. इससे बचाने के लिए रोगार 1.5 एमएल प्रति 15 लीटर पानी में घोल तैयार करके पौधे पर छिड़काव करना चाहिए.

इस समय तुड़ाई करें

फसल के अच्‍छे दाम के लिए पूरी तरह से पकने से पहले ही बैंगन की तुड़ाई कर लेनी चाहिए. शुरुआत में बैंगन की मांग बाजार में अच्‍छी रहती है और कीमत भी अच्छी मिलती है. लेकिन तुड़ाई से पहले आपको उसके रंग और आकार का भी खास ध्‍यान देना चाहिए. यह ध्‍यान रखें कि जब बैंगन चिकना और आकर्षक हो, तभी इसकी तुड़ाई करें.