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नौकरी छोड़ शख्स ने शुरू की पॉलीहाउस खेती! अब हो रही है लाखो रुपए की कमाई, जानिए सफलता की पूरी कहानी

बिजनौर जिले के निवासी अखिलेश चौधरी एक बड़ी कंपनी में नौकरी करते थे, जहां उनकी महीने की तनख्वाह 1.5 लाख रुपये थी। लेकिन एक दिन उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उनके पिताजी को हृदय रोग था, और उन्हें तीन बार कार्डियक अरेस्ट का चुका था।
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नौकरी छोड़ शख्स ने शुरू की पॉलीहाउस खेती! अब हो रही है लाखो रुपए की कमाई, जानिए सफलता की पूरी कहानी

Jhalko Media, New Delhi: उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने अपने जीवन की कुछ मुश्किलों के कारण 1.5 लाख की नौकरी को छोड़ दिया है। अब वह घर पर ही पॉलीहाउस से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिली है। इसके लिए सरकार ने उन्हें सब्सिडी भी प्रदान की है।

बता दे की, बिजनौर जिले के निवासी अखिलेश चौधरी एक बड़ी कंपनी में नौकरी करते थे, जहां उनकी महीने की तनख्वाह 1.5 लाख रुपये थी। लेकिन एक दिन उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उनके पिताजी को हृदय रोग था, और उन्हें तीन बार कार्डियक अरेस्ट का चुका था। इस चुनौती भरे समय में, अखिलेश ने 2017 में अपनी नौकरी छोड़ दी और अपने परिवार के साथ घर लौट आए।

वह घर लौटने के बाद कमाई का कोई जरिया ढूंढने लगे. ऐसे में एक दिन उन्हें पॉलीहाउस खेती नामक एक सरकारी कार्यक्रम के बारे में पता चला. इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी इक्ट्ठा की. फिर 1.20 करोड़ के निवेश से इसकी खेती में करने लगे. इसमें उन्हें सरकार के तरफ से 58 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई थी.

10 बीघे जमीन पर पॉलीहाउस करते हैं

हम आपको बता दे, अखिलेश के पास वर्तमान में दो पॉली फार्महाउस हैं, जो कुल मिलाकर 10 बीघे की जमीन के अंदर आते हैं। प्रत्येक फार्महाउस का क्षेत्रफल 5 बीघे है। इन फार्महाउस में अनेक प्रकार के फूलों के पौधे उगाए गए हैं, जैसे की जरबेरा, जिप्सोफिला, लिलियम, रजनीगंधा, और क्रिसेंथमम।

इसके अतिरिक्त, अखिलेश के पास 12 गाय भी हैं। उनके गोबर से वे प्रति वर्ष लगभग 4000 लीटर ह्यूमिक एसिड बनाते हैं। यह ह्यूमिक एसिड मिट्टी की संरचना में सुधार करता है और पौष्टिक तत्वों को धारण करने की क्षमता को बढ़ाता है।

ड्रिप सिंचाई तकनीक का करते हैं उपयोग

आपको बता दे की, अखिलेश ने बताया कि वह अपने पॉलीहाउस में ड्रिप सिंचाई तकनीक का उपयोग करते हैं. ड्रिप सिंचाई फसलों के लिए सबसे कुशल जल और पोषक तत्व वितरण प्रणाली है. यह सही समय पर, सही मात्रा में, सीधे पौधे के जड़ में पानी और पोषक तत्व पहुंचाता है.

उन्होंने अपने पॉली फार्म में जरबेरा और जिप्सो के पौधे लगाए हैं. जरबेरा का एक पौधा हर साल 25 फूल और जिप्सो 9 फूल देता है. इससे वह प्रति माह 2.1 लाख रुपये कमाते हैं. इसके साथ ही वह अपने पॉलीहाउस में 12 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. यहां उगे फूलों को स्थानीय बाजार और दिल्ली फूल मंडी में बेचते हैं.