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अब पेट्रोल-डीजल से मिली बड़ी राहत! अब मार्केट में आएगी पानी से चलने वाली ये धांसू कार

क्या कभी आपके मुंह से निकला है काश कार पानी से चला करती? क्योंकि महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदना अब बसकी बात नहीं है। जी हां, आपका ये सपना अब जल्द ही सच होने जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी तो पानी से चलने वाली कार से संसद पहुंचकर ये संदेश भी दे चुके हैं। लेकिन आम आदमी के लिए अभी ये दूर कोड़ी नजर आता है।
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अब पेट्रोल-डीजल से मिली बड़ी राहत! अब मार्केट में आएगी पानी से चलने वाली ये धांसू कार

New Delhi, Petrol Diesel Dependency End: क्या कभी आपके मुंह से निकला है काश कार पानी से चला करती? क्योंकि महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदना अब बसकी बात नहीं है। जी हां, आपका ये सपना अब जल्द ही सच होने जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी तो पानी से चलने वाली कार से संसद पहुंचकर ये संदेश भी दे चुके हैं। लेकिन आम आदमी के लिए अभी ये दूर कोड़ी नजर आता है।

सूत्रों का दावा है कि बहुत जल्द मार्केट में पानी से चलने वाली कारें आ जाएंगी। जिसके बाद पेट्रोल-डीजल की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहनों के आने से भी पेट्रोल-डीजल की निर्भरता काफी हद तक कम हुई है। लेकिन अभी भी 80 प्रतिशत वाहन पेट्रोल-डीजल से ही चल रहे हैं। जिसकी वजह से न सिर्फ प्रदुषण होता है, बल्कि यह महंगा भी बहुत ज्यादा पड़ता है।

विकल्प की थी तलाश
हालांकि, पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने लोगों की जेब को काफी प्रभावित किया है। कई लोग अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने लगे हैं क्योंकि पेट्रोल की कीमतों ने पूरे महीने का बजट बिगाड़ दिया था। हालांकि, अब वह दिन दूर नहीं है जब आम आदमी को भी ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार मिलेगी।

परिवहन मंत्री के पास पहले से ही ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कारें मौजूद हैं। उन्होंने संकेत भी दिया है कि चुनाव के बाद कार निर्माता कंपनियों के साथ चर्चा की जाएगी ताकि हाइड्रोजन से चलने वाली कारें बाजार में आ सकें। नितिन गडकरी ने हाइड्रोजन से चलने वाली कारों को लेकर संसद में बताया है कि अब वह दिन दूर नहीं है जब आम लोगों को भी इस सस्ते फ्यूल से चलने वाली कार मिलेगी।

क्या पानी से चलेगी कार?
आपको बता दे की एक निजी चैनल के कार्यक्रम में नितिन गडकरी बता चुके हैं हैं कि "पानी से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को अलग कर ग्रीन हाइड्रोजन तैयार की जाएगी. ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा (जैसे सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है.

आपको बता दें कि भारत पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, ONGC और NTPC जैसी भारत की बड़ी कंपनियों ने इस दिशा में काम करना शुरू दिया है. अब देखना ये है कि मार्केट में पेट्रोल-डीजर कारों की तरह ये कारें कब मिलना शुरू होंगी. नई सरकार के गठन के बाद हाईड्रोजन चलित कारों को मार्केट में लाने की तैयारी है..