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हरियाणा में 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल' में हुआ बड़ा बदलाव, अब जरूरी होगा ये काम

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हरियाणा में 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल' में हुआ बड़ा बदलाव, अब जरूरी होगा ये काम
Jhalko Media, चंडीगढ़: Meri Fasal Mera Byora in Haryana: खेतों में फसल पकर तैयार होने के बावजूद, मंडी में इसे बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora) पर पंजीकरण ना होने के मामले में सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora portal) पर पंजीकरण नीति में संशोधन किया है। सरकार के अनुसार, अब जब किसान जमीन के मालिक की सहमति के साथ खेती करेगा, तो उसे ओटीपी (ऑनलाइन ट्रेडिंग इन प्रोड्यूस) जारी किया जाएगा। जब किसी भी विवाद का सामना होगा, तो सक्षम प्राधिकारी उचित निर्णय लेगा। सरकार के इस कदम पर High Court ने याचिका का निर्णय किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय याचीका दाखिल करने वाले पक्ष द्वारा किसी निर्णय को चुनौती नहीं देने के लिए है। लेकिन कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर उनके किसी कानूनी अधिकार को रोका जाता है, तो वह किसी भी नीति को चुनौती दे सकते हैं। हाई कोर्ट ने दर्जनों किसानों के द्वारा दाखिल की गई याचिका का निर्णय किया है। कोर्ट ने इस निर्णय के बाद भी उनके किसी कानूनी अधिकार को रोकने का प्रयास नहीं किया है। याचिका दाखिल करने वाले कुरुक्षेत्र निवासी किसान नेता गुरनाम सिंह और अन्य ने कहा कि प्रदेश में किसानों को फसल मंडी में बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।

किसानों को उपलब्ध होगा ओटीपी

प्रदेश में कई हजार किसान हैं जो पंचायत की ज़मीन या अन्य ज़मीन पर खेती करते हैं। इसके कारण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के लिए ओटीपी पंचायत या ज़मीन के मालिक के पास आता है। लेकिन अक्सर किसानों को ओटीपी की सुविधा नहीं मिलती है, जिससे किसानों को बड़ा नुक़सान हो रहा है। इसके बावजूद, किसानों को ओटीपी की सुविधा दिलाने के लिए सरकार से निर्देश जारी किए जाएं।