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लोन नहीं भरने वालों को RBI से खुशखबरी, अब आपको बैंक नहीं करेगा परेशान

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लोन नहीं भरने वालों को RBI से खुशखबरी, अब आपको बैंक नहीं करेगा परेशान
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में जारी किए गए निर्देशिकाओं के माध्यम से लोन नहीं चुकाने वालों को बड़ी राहत दी है। यह निर्देशिकाएं डिफॉल्टर्स को विभिन्न विकल्पों की पेशकश कर रही हैं जिनसे वे अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार कर सकते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है उन्हें नई शुरुआत का मौका देना है और अच्छे खाता स्थापित करने में मदद करना है। क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड की सिबिल रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2022 में पर्सनल लोन और क्रेडिट बिल न चुकाने के मामले में बढ़ोतरी हुई है। इसमें दिखा गया है कि ये मामले कोविड से पहले के आंकड़ों से ज्यादा हैं। अगर आपने भी अभी तक कोई लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाया है, तो आपको 'डिफॉल्टर' कहा जाता है। इस स्थिति में आपको कुछ कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आप अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सकें। कैसे उठाएं कदम?
  1. एजेंट के साथ चर्चा: कई लोग जब लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो उन्हें वसूल एजेंट काफी परेशान कर देते हैं। ऐसे में आपको धीरे-धीरे अपने लोन को चुकाने के लिए कदम उठाने की कोशिश करनी चाहिए।
  2. सीबिल स्कोर की सुरक्षा: डिफॉल्ट होने पर सीबिल स्कोर प्रभावित होता है। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, डिफॉल्टर्स को छोटे पेमेंट करने का मौका दिया जा रहा है, जिससे उनका सीबिल स्कोर सुरक्षित रह सकता है।
  3. कानूनी अधिकारों का उपयोग: देनदारों के लिए भारत में कानूनी अधिकार हैं। आप यह सुनिश्चित करें कि आपको कोई अनुचित परेशानी नहीं हो रही है और आप अपने कानूनी अधिकारों का उपयोग कर सकते हैं।
  4. बैंक की सलाह: अगर आपको लोन की चुकता नहीं हो पा रहा है, तो आपको बैंक से संपर्क करके समस्या का समाधान ढूंढने में मदद मिल सकती है। बैंक आपको विभिन्न विकल्पों की सुझाव देगा जो आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
  5. कैसे बनाएं नए शुरुआत का मौका: डिफॉल्ट होने के बाद, आपको नई शुरुआत का मौका देने के लिए भी विभिन्न उपायों का समर्थन किया जा रहा है। आप छोटे पेमेंट करके अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार कर सकते हैं और फिर से लोन के लिए आवेदन करने का अधिकार प्राप्त कर सकते हैं।
इन निर्देशिकाओं के माध्यम से, RBI ने डिफॉल्टर्स को सकारात्मक मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में मदद करने का प्रयास किया है।