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DM और कलेक्टर में क्या होता है अंतर? जानें – कौन है ज्यादा पावरफुल

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DM और कलेक्टर में क्या होता है अंतर? जानें – कौन है ज्यादा पावरफुल
DM Vs Collector :देश में हर युवा अपने आत्मविश्वास और मेहनत के साथ आगे बढ़ना चाहता है, और कुछ लोगों के लिए डीएम और कलेक्टर बनना एक महत्वपूर्ण सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए वे घर से बाहर निकलकर कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता से काम करते हैं। हालांकि, यह सफलता का मार्ग हर किसी के लिए सरल नहीं होता है और कुछ लोग इस सपने को पूरा करने में सफल होते हैं, जबकि दूसरों को इसमें कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इस समय, एक सामान्य सवाल उठता है - कौन है डीएम और कलेक्टर में से कौन पावरफुल ऑफिसर है? डीएम (District Magistrate) और कलेक्टर (Collector) दोनों ही प्रशासनिक पद होते हैं, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारियों में थोड़ा भिन्नता होती है। डीएम एक जिले के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी होते हैं जो वहाँ के सम्पूर्ण प्रशासनिक कार्यों का संचालन करते हैं, जबकि कलेक्टर विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किए गए खास जिम्मेदारियों का संचालन करते हैं। यह तय करना मुश्किल है कि कौन पावरफुल है, क्योंकि इन दोनों के पदों में भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित किए गए अधिकार और कर्तव्य होते हैं। हर एक क्षेत्र में इन अधिकारियों को विशेष रूप से तैयार किया जाता है ताकि वे अपने क्षेत्र में समस्त समस्याओं का समाधान कर सकें और विकास को प्रोत्साहित कर सकें। इसलिए, डीएम और कलेक्टर दोनों ही समान रूप से महत्वपूर्ण हैं और उनका मुख्य लक्ष्य लोगों की सेवा करना होता है। इन पदों पर पहुंचने के लिए तैयारी और मेहनत बहुत ही आवश्यक हैं, और यह सपना सिर्फ उन्हीं के लिए साकार होता है जो इसे पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि, डीएम (DM), कलेक्टर (Collector), एसडीएम (SDM) और आईपीएस (IPS) जैसे तमाम पदों के लिए सबसे पहले और सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी (UPSC) की देनी होती है. अगर आप इस परीक्षा को पास कर जाते हैं तो आपकी राह सफल होती है. हालांकि, ये परीक्षा तीन चरणों में प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू के रूप में होती है. जिसके बाद आपको आपकी रैंक के अनुसार अलग अलग विभाग में काम के लिए इन पदों पर नियुक्त किया जाता है. क्या है कलेक्टर और डीएम के बीच अंतर ? तो सबसे पहले डीएम की बात करें तो इसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के नाम से जानते हैं. जो भारतीय सेना का एक प्रशासनिक अधिकारी होता है. जबकि जिले स्तर पर राजस्व प्रबंधन से जुड़ा बड़ा अधिकारी कलेक्टर होता है. जो राजस्व के मामले से जुड़े काम काज को संभालता है और जिम्मेदार भी होता है.