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सिरसा में राजस्थान से हेलीकॉप्टर से आई दुल्हन; एक रुपया- नारियल लेकर शादी बनी मिसाल

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सिरसा में राजस्थान से हेलीकॉप्टर से आई दुल्हन; एक रुपया- नारियल लेकर शादी बनी मिसाल
नाथूसरी चौपटा: हरियाणा के सिरसा के खंड चौपटा में रहने वाले रघुबीर सिंह कड़वासरा की ख्वाहिश थी कि उनके पुत्र आयुष की शादी बिना दहेज के हो। पिता की इस इच्छा को पूरा करते हुए, उन्होंने बेटे की शादी को दहेज के बिना कर दिया। लड़की के पिता ने दी गई लाखों रुपए की नकदी को लेने से इनकार किया, और इसके बजाय सुमठनी में एक रुपया और नारियल के साथ शादी की रस्म अदा की गई। आयुष कड़वासरा की शादी राजस्थान के नोहर गांव के पिचकराई की रहने वाली निशा सुपुत्री भगत सिंह गोदारा के साथ हुई। शादी के बाद, हेलीकॉप्टर से नाथूसरी कलां पहुंची दुल्हन को देखने के लिए गांव नाथूसरी में लोगों का हुजूम था। इसके बाद, शुक्रवार को सुबह के समय, गांव पिचकराई से आयुष और निशा को विदा किया गया। विदा के बाद, हेलीकॉप्टर में आयुष, निशा, और उनके साथी बैठकर नाथूसरी कलां पहुंचे। यहां भी लोगों का भारी भीड़ था और हेलीकॉप्टर का आगमन बॉयज स्कूल में था। पुलिस ने सुरक्षा के लिए तैनात रही थी और इस शादी समारोह में हेलीकॉप्टर की अनुमति थी। प्रीतिभोज कार्यक्रम में, गांव नाथूसरी कलां के निवासी रघुबीर कड़वासरा ने अपने बेटे की शादी के अवसर पर विशेष प्रीतिभोज का आयोजन किया। इस मौके पर कई प्रमुख समाजसेवी और राजनीतिक व्यक्तियों ने शिरकत की, जिनमें कप्तान मीनू बैनीवाल, डा. अशोक तंवर, पवन बैनीवाल, चरणजीत सिंह रोड़ी, सुशील इंदौरा, लादूराम पूनियां, सुमित बैनीवाल, और राजेश चाडीवाल शामिल थे। रघुबीर सिंह कड़वासरा ने बताया कि हर लड़की को उसके पिता पढ़ा-लिखा करते हैं और शादी में दहेज की चिंता भी उन्हें सताती है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि एक पिता अपनी बेटी को देता है, इससे बढ़कर कुछ भी नहीं चाहिए। हम दहेज के सख्त खिलाफ हैं और हमने इस शादी में बिना दहेज के समाज को संदेश देने का एक अच्छा मौका पाया है।