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आखिर कैसे स्टार्ट होता है Train का Engine, क्या लगानी पड़ती है चाबी?

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आखिर कैसे स्टार्ट होता है Train का Engine, क्या लगानी पड़ती है चाबी?
Jhalko Media, New Delhi: आजकल कोई भी गाड़ी स्टार्ट करने के लिए चाबी लगानी पड़ती है। हालाँकि कई आधुनिक गाड़ियों में ऐसा नहीं होता। आपको बस बटन प्रेस करना होता है और गाडी स्टार्ट हो जाती है। लेकिन क्या आपके मन में ये प्रश्न आया है कि आखिर ट्रैन का इंजन कैसे स्टार्ट किया जाता है? कभी सोचा है कि इसे चालू करने के लिए किस चाबी की जरूरत पड़ती है? क्या ट्रेन को बगैर चाबी भी चालू कर सकते हैं या नहीं? कुछ लोगों के मन में सवाल आने के बावजूद भी जवाब खोजने की कोशिश नहीं करते हैं। ट्रेन इंजन को चालू करने के लिए एक खास तरह की चाबी लगाते हैं। Electric train इंजन और डीजल ट्रेन इंजन दोनों को ही चालू करने का अलग तरीका है. कुछ डीजल इंजन ट्रेन को बगैर चाबी भी चालू कर सकते हैं...

ट्रेन को कैसे करते हैं चालू

डीजल इंजन ट्रेन को चालू करने के लिए किसी भी तरह की चाबी की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन इसे रिवर्स करते समय अलग से हैंडल लगाते हैं. इसे चाबी भी कह सकते हैं, इसके बगैर ट्रेन को गति देना मुश्किल है. इसके अलावा कुछ ट्रेन इंजन को चालू करने के लिए लीवर या हैंडल की जरूरत पड़ती है. यानी सभी को गति देने की अलग-अलग प्रक्रिया है. पुरानी टेक्नोलॉजी वाली इंजन को इलेक्ट्रिक और डीजल के कन्वेंशनल के रूप में जानते हैं.

Electric Train को कैसे करते हैं चालू

इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन को चालू करने के लिए सबसे पहले पैंटोग्राफ को हवा के प्रेशर से पूरी तरह से भर देते हैं. इसके बाद कांटेक्ट वायर को ऊपर की तरफ उठाकर सर्किट ब्रेकर को ऑन करते हैं. इस पूरी प्रक्रिया को एक चाबी के जरिए करते हैं जिसे रेलवे की भाषा में जेड पीटी या पैंटो key कहते हैं. नए इलेक्ट्रिक इंजन को चालू करने के लिए किसी भी प्रकार की चाबी की जरूरत नहीं पड़ती है. इसमें होमेन सर्किट ब्रेकर को स्विच के जरिए ऑन कर इसे लॉक करते हैं.

डीजल इंजन ट्रेन को ऐसे करते हैं चालू

इलेक्ट्रिक के मुकाबले डीजल इंजन ट्रेन को चालू करना बहुत आसान है. शुरुआती समय से ही इसे बगैर चाबी चालू कर सकते हैं. आमतौर पर यह दो तरह के इंजन होते हैं इनमें पारंपरिक और एचएचपी लोको दोनों शामिल है. भले ही इसे बिना चाबी चालू कर लेते हो लेकिन रिवर्स करने के लिए एक खास तरह की चाबी की जरूरत पड़ती है जिसे लोग रिवर्सर हैंडल कहते हैं. इसके बगैर ट्रेन को गति देना मुश्किल है.